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मुझे लहज़े खफ़ा करते हैं अक्सर, लफ़्जों के तो खैर आदी है हम ! !
बड़ा गुरूर मुझको मेरे यार पर था, बाद में पता चला मेरा ऐतबार इक गद्दार पर था। ©Shoyab Qureshi
Shoyab Qureshi
6 Love
अजीब किस्म का शायर हूँ मैं भी यारो, सिर्फ एक वाह के लिये कई दर्द सुना देता हूँ. ©Shoyab Qureshi
12 Love
वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रखा है, वरना मोहब्बत इतनी भी हसीँ नही होती। ©Shoyab Qureshi
7 Love
फुरसत कहां है उन्हें हमसे बात करने की, इक हम ही हैं जो दीवाने हुए बैठे हैं। shoyab''
15 Love
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