Harsh Singh

Harsh Singh Lives in Kishanganj, Bihar, India

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अपने मेरी हालत मेरे हालात बता रहे हैं, मुझे तो मेरे अपने सता रहे है। लोग केहते है कि अपने तो अपने होते है, पर तब क्या करे जब अपने ही पराये बन जाते है। वह खुशनुमा बातें, मस्तियां, सब झूठे थे............. सोचा था बुरे वक्त के बाद तुम लोग मिले थे, पर क्या पता था तुम लोग जिंदगी को और बर्बाद करने आए थे। और तो और, तुम लोग की तो उल्फ़त बदल गई, नियत बदल गई, झूठ मेरे सर पर थोप कर तुम्हारे लिए तो हकीकत बदल गई। जहा तुम रोए, वहा मै था, जहा तुम लोग हसे, वहा मै था, लेकिन......... मुझे यह बतओ तुम्हारी जिंदगी में कहा मैं था बस एक बात समझ लो........ तुम लोगो ने मेरे आखो से आसु नही गिराए, बल्कि खुद को गिरा लिया। मै तो चुप रह गया, लेकिन कर्मा चुप नही रहेगा। वैसे गलती आपकी भी कहा थी, जरुरत से ज्यादा अच्छा बनुन्गा, फिर जरुरत से ज्यादा रोना भी परेगा ना। तुम लोगो से ना तो नफ़रत है ना प्यार, हाँ....तुम लोगो ने खुद से नफ़रत करवा दी। आज मुझे छोड़ कर गए हो तो जाओ, कल तुम्हे भी तुम्हरी तरह कोइ मिलेगा...... ✍️✍️ हर्ष सिंह ©Harsh Singh

#BooksBestFriends #कविता #Apne  अपने

मेरी हालत मेरे हालात बता रहे हैं, 
मुझे तो मेरे अपने सता रहे है।
लोग केहते है कि अपने तो अपने होते है,
पर तब क्या करे जब अपने ही पराये बन जाते है।
वह खुशनुमा बातें, मस्तियां, सब झूठे थे............. 
सोचा था बुरे वक्त के बाद तुम लोग मिले थे,
पर क्या पता था तुम लोग जिंदगी को और बर्बाद करने आए थे।      
       और तो और,
तुम लोग की तो उल्फ़त बदल गई,
 नियत बदल गई,
 झूठ मेरे सर पर थोप कर
तुम्हारे लिए तो हकीकत बदल गई।
 जहा तुम रोए, वहा मै था,
 जहा तुम लोग हसे, वहा मै था,
लेकिन......... मुझे यह बतओ
तुम्हारी जिंदगी में कहा मैं था 
बस एक बात समझ लो........
 तुम लोगो ने मेरे आखो से आसु नही गिराए, 
 बल्कि खुद को गिरा लिया।
मै तो चुप रह गया, 
लेकिन कर्मा चुप नही रहेगा।
वैसे गलती आपकी भी कहा थी,
जरुरत से ज्यादा अच्छा बनुन्गा,
फिर जरुरत से ज्यादा रोना भी परेगा ना।
तुम लोगो से ना तो नफ़रत है ना प्यार, 
हाँ....तुम लोगो ने खुद से नफ़रत करवा दी।
आज मुझे छोड़ कर गए हो तो जाओ,
कल तुम्हे भी तुम्हरी तरह कोइ मिलेगा......
 ✍️✍️ हर्ष सिंह

©Harsh Singh
#myfeelingsinmywords

#myfeelingsinmywords agar aapko iska part 1,2,3 sunna ho to please comment me btaye

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भारत देश त्यौहारों का देश हैं जहाँ धर्म का अपना ही महत्व हैं. छठ पूजा में सूर्य देवता की उपासना कर उनका अभिवादन किया जाता हैं. उर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य हैं जिसका हमारे जीवन में विशेष महत्व हैं. हमारे देश में कृतज्ञ होना सिखाया जाता हैं जिसमे हम हर उस चीज़ के प्रति कृतज्ञ हैं जिसने हमारे जीवन में अपना योगदान दिया उसी तरह छठ पूजा के जरिये हम सूर्य देवता को धन्यवाद देते हैं. यही एक कारण हैं कि हम भारत वासी भावुक होते हैं हमें हमारे धर्म से ही कोमलता का भाव मिलता हैं और यही भाव हमें दिल से एक दुसरे का बनाता हैं और यही भाव हमें जीवन से जुड़ी हर सजीव और निर्जीव वस्तु का महत्व बताता हैं. ✍️हर्ष Happy chatt puja all friends ©Harsh Singh

#बात #Harsh #Chatt  भारत देश त्यौहारों का देश हैं जहाँ धर्म का अपना ही महत्व हैं. छठ पूजा में सूर्य देवता की उपासना कर उनका अभिवादन किया जाता हैं. उर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य हैं जिसका हमारे जीवन में विशेष महत्व हैं. हमारे देश में कृतज्ञ होना सिखाया जाता हैं जिसमे हम हर उस चीज़ के प्रति कृतज्ञ हैं जिसने हमारे जीवन में अपना योगदान दिया उसी तरह छठ पूजा के जरिये हम सूर्य देवता को धन्यवाद देते हैं. यही एक कारण हैं कि हम भारत वासी भावुक होते हैं हमें हमारे धर्म से ही कोमलता का भाव मिलता हैं और यही भाव हमें दिल से एक दुसरे का बनाता हैं और यही भाव हमें जीवन से जुड़ी हर सजीव और निर्जीव वस्तु का महत्व बताता हैं. 
                              ✍️हर्ष 

Happy chatt puja all friends

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#Chatt #Harsh

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ख़ामोश रात में सितारे नई होते, उदास आँखों में रंगीन नज़ारे नई होते, हम कभी ना करते याद आपको, अगर आप इतने प्यारे ना होते. हर्ष ©Harsh Singh

#शायरी  ख़ामोश रात में सितारे नई होते,
उदास आँखों में रंगीन नज़ारे नई होते,
हम कभी ना करते याद आपको,
अगर आप इतने प्यारे ना होते.
             
            हर्ष

©Harsh Singh

❤❤❤

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हैप्पी दिवाली माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ-सुथरा कर सजाते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। और धूमधाम से दिवाली मनाते हैं। ✍️✍️ हर्ष ©Harsh Singh

#अनुभव #Diwali  हैप्पी दिवाली


माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ-सुथरा कर सजाते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। और धूमधाम से दिवाली मनाते हैं।
                                               ✍️✍️ हर्ष

©Harsh Singh

#Diwali

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दिवाली के कारण शिक्षकों का खर्च भी बच गया क्योंकि आज बाल दिवस भी है ना। ©Harsh Singh

#शायरी #ChildrensDay  दिवाली के कारण शिक्षकों का खर्च भी बच गया क्योंकि
 आज बाल दिवस भी है ना।

©Harsh Singh
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