Title of Poem
तुम अपने सपनो की तिजोरी को जरा छुपा के रखना..
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हाँ तुम अपने सपनो की तिजोरी को जरा छुपा के रखना ,,,
दुसरो से उम्मीद करने से अच्छा हैं तुम जरा खुद को खुद से सच्चा रखो,,,
जब तुम्हे पता है कि वो तुमारे सपनो के गर्भ मैं वार करेगा, तो जरा खुद के बच्चे को छुपा जे रखो,,
यहाँ सुनाने वाले कम सुनाने वाले ज्यादा है इसलिए तुम अपने कानों मैं रुई जरा दबा के रखो,,,
यहाँ राम कम रावणऔर विभीषण ज्यादा है इसलिए सीता जैसी सपनो की तिजोरी को जरा सबसे बचा के रखो,,,
अरे ये सब तो नादान है यूँ उदास न हो तुम खुद के दिल मे हौसलों को बना के तो रखो,,,
अपना हाथ थामने वाला ढूंढने ढूढने से अच्छा है तुम किसी को गिरने से पहले हाथ थामने वाला बनके तो देखो,,,
हम अकेले आये तजे सकेले ही जायेंगे यूँ ही किसी से बिछड़कर मन उदास न रखो,,,
ज़िन्दगी टी बस चंद पल की है..
ज़िन्दगी भर की लड़ाई का दिल मे मलाल न रखो,,,
जो होना ह होने दो,,
तुम अब खुद को ही खुद में खोने दो,, जो होता ह होने दो,,
दिल को थोड़ा पागल
होने दो,,
यूँ बोझ और दर्द मैं न खुद को खोने दो,,,
तू खुद से ही उलझ सुर हमेशा खुद को दिल से खुश होने दो,,,
बस खुद के सपनो की तिजोरी को सबसे चुप के रखो,,
Read more..👌👌👌
listen more..
आगे की स्टोरी के लिए,,
❤❤❤❤
👍👍👍👌👌👌👌
©Ayushi Singh
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