ढूँढने निकले हैं हम
उस शक़्स की खैरियत
पूछने निकले हैं हम,
घर से बाहर निकले है हम
उस शक़्स की तलास मे
जिसने कहा था तेरे साथ हैं हम,
तोड़ के सारे वादे चला गया वो
और आज उसका पता पूछने निकले है हम,
वो खुद को फूल सी नाज़ुक मानती थी
और उसको काँटे से लगते थे हम।
मतलब बातों बातों मे बहुत चुभते थे हम,
तेरी ऐसी ही बातों से तो बिखरे थे हम
सायद अंदर से बहुत टूटे थे हम।
©Ankitsayings
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