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वो रहगुजर फिर से अब याद तेरी दिलाती है दिल सोचता है कि तुम अब भी वहीं कहीं हो!
White लकीरों में नहीं... लो कि अब आज़ाद कर दिया तुझको तुम तो मेरी हाथों की लकीरों में भी नहीं ©Ritu Sharma
Ritu Sharma
8 Love
औकात... भरोसा करने से ही चीजें मुमकिन होती हैं वरना धोखे की औकात क्या जो मिल जाये ©Ritu Sharma
13 Love
White शुरुआत... असलियत वहाँ शुरू होती है भ्रम जहाँ पर खत्म होता है ©Ritu Sharma
15 Love
White फितरत... सागर है वो तो अपनी फितरत को कभी छोड़ेगा नहीं मिलन पर नदी तेरी मिठास को वो नमकीन कर देगा ©Ritu Sharma
White थम जाओगे.. वक्त हमेशा बदलता रहता है तुमको भी बदलना होगा साथ गर तुम कभी थम जाओगे यहाँ तो फिर आयेगा ना कुछ हाथ ©Ritu Sharma
9 Love
White दरअसल... जो चीज जिसकी हीफाजत करती है दरअसल वही उसको ज्यादा नुकसान भी पहुँचाती है ©Ritu Sharma
11 Love
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