DA_Real_kunal

DA_Real_kunal Lives in Sagar, Madhya Pradesh, India

rapper ,writter ,poet,, main baato se apni dewana bna dunga tum bta dena sbd main unko tod madod kr gana bna dunga

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#coronavirus #qurantine #lovkdoen #covid19 #India #poem
#कविता #lockdown #corona #kvita

मैं लाख कोसिस करू मेरी बात मंज़ूर नही होती किसमिस चाह कर भी अंगूर नही होती और इतना प्यार बो मुझसे करती तो बो मुझसे कभी दूर नही होती उसकी मासूमियत पर मत जाना मेरे यार क्योंकि हर सफेद चीज़ कपूर नही होती Da_realkunal

#World_without_love #nayak_maharaj #Poet  मैं लाख कोसिस करू मेरी बात मंज़ूर नही होती 
किसमिस चाह कर भी अंगूर नही होती 
और इतना प्यार बो मुझसे करती तो बो मुझसे कभी दूर नही होती 
उसकी मासूमियत पर मत जाना मेरे यार 

क्योंकि हर सफेद चीज़ कपूर नही होती

Da_realkunal

बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, जैसे बदलता है शासन तख्त की तरह कहते लोग कड़वे बोल न सोचते जरा विशवास मे भी विष का वाश है भरा सच्चा कोई है नही नसों के रक्त की तरह किस्से बोलू किस्से कह दू हृदय की ज़रा

#बदलतेहैलोगबक्तकीतरह #कविता #Da_real_kunal #poem  बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, जैसे बदलता है शासन तख्त की तरह 
कहते लोग कड़वे बोल न सोचते जरा 
विशवास मे भी विष का वाश है भरा 
सच्चा कोई है नही नसों के रक्त की तरह 
किस्से बोलू किस्से कह दू हृदय की ज़रा

जो बातें मैं करता बो असरदार हो मेरे बफादार होने का मतलब ही क्या जब नोटों से चलती ये सरकार हो कलम के अक्षो पे सब्दो का दरवार हो तेरे लड़ने का मुझसे अब मतलब ही क्या जब मैं जीतू हमेशा और तेरी हार हो मैं चाहू की पूरी ये दरकार हो महफ़िल में मेरे ही चर्चे हमेशा और हर बार हो मेरे दुश्मन अभी से खवरदार हो सारी चाले तुमारी ये बेकार हो जब रब को भी ये ही स्वीकार हो की सारे सब्दो पर मेरा अधिकार हो रोकने बाली मुझे न कोई दिवार हो कविता ऐसी बना दूँगा मैं जिसको पड़के तुमको अभी प्यार हो मेरे सब्दो का तुमको जब दीदार हो तुम जानो की सबदि की दुनिया का मैं जमीदार हु जज्बा है इतना की मेरी कलम भी कहती की तलवार हु कागज़ों के सर पे सब्द का मैं भार हु मैं कलमकार हु मैं कलमकार हु||

#Da_real_kunal #kalamkar_hu #HindiPoem #nojotoapp #Rapper  जो बातें मैं करता बो असरदार हो 
मेरे बफादार होने का मतलब ही क्या 
जब नोटों से चलती ये सरकार हो
कलम के अक्षो पे सब्दो का दरवार हो 
तेरे लड़ने का मुझसे अब मतलब ही क्या
जब मैं जीतू हमेशा और तेरी हार हो 
मैं चाहू की पूरी ये दरकार हो 
महफ़िल में मेरे ही चर्चे हमेशा और हर बार हो 
मेरे दुश्मन अभी से खवरदार हो 
सारी चाले तुमारी ये बेकार हो 
जब रब को भी ये ही स्वीकार हो 
की सारे सब्दो पर मेरा अधिकार हो 
रोकने बाली मुझे न कोई दिवार हो 
कविता ऐसी बना दूँगा मैं जिसको पड़के 
तुमको अभी प्यार हो 
मेरे सब्दो का तुमको जब दीदार हो 
तुम जानो की सबदि की दुनिया का मैं जमीदार हु 
जज्बा है इतना की 
मेरी कलम भी कहती की तलवार हु 
कागज़ों के सर पे सब्द का मैं भार हु 
मैं कलमकार हु मैं कलमकार हु||

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