मैं लाख कोसिस करू मेरी बात मंज़ूर नही होती
किसमिस चाह कर भी अंगूर नही होती
और इतना प्यार बो मुझसे करती तो बो मुझसे कभी दूर नही होती
उसकी मासूमियत पर मत जाना मेरे यार
क्योंकि हर सफेद चीज़ कपूर नही होती
Da_realkunal
बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, जैसे बदलता है शासन तख्त की तरह
कहते लोग कड़वे बोल न सोचते जरा
विशवास मे भी विष का वाश है भरा
सच्चा कोई है नही नसों के रक्त की तरह
किस्से बोलू किस्से कह दू हृदय की ज़रा
जो बातें मैं करता बो असरदार हो
मेरे बफादार होने का मतलब ही क्या
जब नोटों से चलती ये सरकार हो
कलम के अक्षो पे सब्दो का दरवार हो
तेरे लड़ने का मुझसे अब मतलब ही क्या
जब मैं जीतू हमेशा और तेरी हार हो
मैं चाहू की पूरी ये दरकार हो
महफ़िल में मेरे ही चर्चे हमेशा और हर बार हो
मेरे दुश्मन अभी से खवरदार हो
सारी चाले तुमारी ये बेकार हो
जब रब को भी ये ही स्वीकार हो
की सारे सब्दो पर मेरा अधिकार हो
रोकने बाली मुझे न कोई दिवार हो
कविता ऐसी बना दूँगा मैं जिसको पड़के
तुमको अभी प्यार हो
मेरे सब्दो का तुमको जब दीदार हो
तुम जानो की सबदि की दुनिया का मैं जमीदार हु
जज्बा है इतना की
मेरी कलम भी कहती की तलवार हु
कागज़ों के सर पे सब्द का मैं भार हु
मैं कलमकार हु मैं कलमकार हु||
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