आज फिर दिल ने दस्तक दी है ।
आज फिर पलके नम कर दी है ।।
आज फिर जज्बात का सैलाब उमड़ा है ।
आज फिर उम्मीद का दामन उजड़ा है ।।
हम तो तन्हा ही थे , अब तक भी ।
फिर ना जाने इस रूह का आज, क्या ही दुखड़ा है।।
आज फिर दिल ने दस्तक दी है ।
आज फिर पलके नम कर दी है ।।
©arshita Pareek
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