The misery of my nation.
हालात इस देश के अब दिन-ब-दिन बिगडते जा रहे है।
पर हमे क्या...... हम कहाँ सुधरते जा रहे है
हालात इस देश के अब दिन-ब-दिन बिगडते जा रहे है।
पर हमे क्या...... हम कहाँ सुधरते जा रहे है
न जाने कितने सिपाही, कितने चिकित्सक और न जाने कितने कर्मचारी, दिन-रात हमारी सुरक्षा के लिए नियुक्त और तैनात किए जा रहे है,
पर हमे क्या...... हम कहाँ सुधरते जा रहे है,
रहना तो सिर्फ हमे घर मे है दोस्तो, ये मुफ़लिसी तो थोडे दिनो की है पर ये जिदंगी तो सिर्फ एक मिली है, क्या इसे भी ऐसे ही गंवाना है, मानता हुँ की थोडी़ सी कमी सिर्फ आज मे है, पर आने वाले कल मे तो खुशियो का खजाना है
इसलिए घर मे हो तो सुरक्षित हो, बाहर तो लोग मरते जा रहे है, अब सही मे इस देश के हालात बिगडते जा रहे है
हम सब साथ है, हमारी एकता मे एक विश्वास है इस संदेश का प्रचार-प्रसार हमे सड़को पर आकर करने की जरूरत नही,क्यूकि यह किसी पार्टी का "चुनाव" नही, देश के जन हित के लिए अपना एक "बचाव" है।
तो मेरा आपसे सिर्फ यही एक सुझाव है, की घर मे रहोना यार, बाहर जाना बेकार है अब प्रशासन भी लाचार है, फिर कहोगे की यह कैसा दुराचार है, लेकिन घर मे होतो तो सुरक्षित हो इसका यही एक उपचार है और आपके लिए मेरे पास बस यही एक सुविचार है।
रवि उपर्वट !!! 📱: +(91) 635 150 7419
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