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Raagini
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नसीब में नहीं था उसकी ख़ुशबू से महकना वो टूटा प्रेम की डाली से बेवक्त था उसे मुरझाना सींचा दिल-ओ-जान से प्यार के हवा पानी से उसे निखारा लगता नहीं दिल कहीं देख कर जिसे हर पल मेरा होता था गुज़ारा जिंदगी की कड़ी धूप में उसका छांव की तरह ठंडक पहुंचाना कभी मुश्किलों की आंँधियों में उसकी ओट का सहारा मिल जाना नज़र लग गई ख़ुशी को मेरी चाहतों का नहीं रहा ठिकाना बेरहम ज़माने के नापाक इरादों ने मोहब्बत का पेड़ काट डाला ©Raagini
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raagini Shayara 💔 ©Ragini
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