Shadow and Light "यूँ तो हर कोई हमदर्दी जता जाया करेगा तुम्हारे ज़िन्दगी के उन अनचाहे लम्हों में , मगर कोई एक जरूर होगा जो उन अनचाहे लम्हों में हमदर्द बन तुम्हारे साथ कदम दर कदम चल उन लम्हों के पार ले जायेगा और जिस दिन ऐसे सख़्श से मुलाक़ात हो तो फिर पूरी ज़िन्दगी उसे मत छोड़ना।"
आज तुम्हारी कही बातें बहुत याद आ रही है, इसलिए नहीं की लोगों ने मेरे अनचाहे लम्हों में हमदर्दी दिखा जाया करते है, पर इसलिए की मैंने तुम्हारा हमदर्द बनने का कोशिश शायद कभी किया ही नहीं, वाकई किसी का हमदर्द बनना मुश्किल है!
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