आज नवरात्रि का चौथा दिन............
बतला भी दे तू किस बात से रूठी है हे,जगजननी आखिर मैं तेरी बेटी हूं,
मेरे आंचल को तुमने सूना कर दिया
वो मेरा नहीं मां बल्कि तेरा बेटा था
मैं अबला दुखियारी दर-दर की मारी
बोल क्या करूं, कहां ढूंढूं किससे पूछूं।
©jha madam Classes
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