अच्छा चलती हूँ मैं, अब तू अपना ख्याल रखना जवाब अगर दे पाए तू मेरे एक भी सवाल का, तब कहीं जाके तू सामने मेरे अपना कोई सवाल रखना...
मोहब्ब्त तो मैं तेरे दिल में कभी जगा ना सकी, हाँ मगर जिंदा तू अपने दिल में नफरत-ए-बवाल रखना...
हाँ जानती हूँ बेपरवाह है तू बेशुमार मगर मेरे ख़त, मेरे गुलाब किताबों में अपनी संभाल कर रखना...
अच्छा सुन! बुरे वक़्त में कोई नहीं आता हमारे पास हमारे आँसू पौंछने, मेरी सलाह ये है कि तू हर वक़्त अपने साथ एक रुमाल रखना...
और कभी एक दाग भी लगने नहीं दिया मैंने अपनी मोहब्ब्त पर, मेरे बाद कायम तू मेरी मोहब्बत की मिशाल रखना...
अच्छा चलती हूँ मैं,अब तू अपना ख्याल रखना... जवाब अगर दे पाए तू मेरे एक भी सवाल का, तब कहीं जाके तू सामने मेरे अपना कोई सवाल रखना...
अच्छा चलती हूँ मैं,अब तू अपना ख्याल रखना...
...Kajal Gupta...
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