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Atul vasava

Atul vasava Lives in Vadodara, Gujarat, India

साहित्य प्रेमी, कूच लम्हें जिन्दगी के आपके साथ,7698336581

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प्रश्न चिन्ह तो हर जगह लगाते हो कभी अपने पर लगाकर तो देखों। आशा की किरणों से जल उठते हो कभी अपने पर आश लगाकर तो देखो। ©Atul vasava

 प्रश्न चिन्ह तो हर जगह लगाते हो कभी 
अपने पर लगाकर तो देखों।
आशा की किरणों से जल उठते हो 
कभी अपने पर आश लगाकर तो देखो।

©Atul vasava

आत्मबल

54 Love

हाथों में हाथ थामे था,लेकिन लब्जों की बे ज़ुबानी थी पर्दा था दोनो के बीच,पर बे पर्दा हमारी कहानी थी खाबो में न थी कोई बंदिश,पर दुनिया की बे जुबानी थी ऐसी ही मेरी एक कहानी थी ©Atul vasava

 हाथों में हाथ थामे था,लेकिन लब्जों की बे ज़ुबानी थी 
पर्दा था दोनो के बीच,पर बे पर्दा हमारी कहानी थी 
खाबो में न थी कोई बंदिश,पर दुनिया की बे जुबानी थी 
               ऐसी ही मेरी एक कहानी थी

©Atul vasava

ऐसी ही मेरी एक कहानी थी

53 Love

एक पल की है ये जिंदगी एक पल की है खुशी गमों से है भरी अरमानों से है सजी यादों से है ढकी आँखों में आ-बँधी ऐसी है मेरी जिंदगी ©Atul vasava

 एक पल की है ये जिंदगी
एक पल की है खुशी
गमों से है भरी
अरमानों से है सजी
यादों से है ढकी
आँखों में आ-बँधी
ऐसी है मेरी जिंदगी

©Atul vasava

एक पल की जिंदगी

99 Love

हर कोई अपने वजूद से लड़ता है वही तो आगे बढ़ता है। कामियाबी मेहनत के कदम चूमती है, तभी तो जिंदगी आगे बढ़ती है। उम्मीद खुद से खुद को होनी चाहिए अपने पंख पर, तभी तो जिंदगी उड़ान भर्ती है। ©Atul vasava

 हर कोई अपने वजूद से लड़ता है 
वही तो आगे बढ़ता है।
कामियाबी मेहनत के कदम चूमती है,
तभी तो जिंदगी आगे बढ़ती है।
उम्मीद खुद से खुद को होनी चाहिए अपने पंख पर,
तभी तो जिंदगी उड़ान भर्ती है।

©Atul vasava

उड़ान

148 Love

अपना कितना भी किसी को बना लो वो सिर्फ अपने तक ही सीमित होता है क्योंकि इंसान अपने दोनों हाथ खुले रख कर ही चलता है। ©Atul vasava

 अपना कितना भी किसी को बना लो 
वो सिर्फ अपने तक ही सीमित होता है
 क्योंकि
इंसान अपने दोनों हाथ खुले रख कर ही चलता है।

©Atul vasava

तर्क

180 Love

વાસ્તવિકતા એજ છે જે જીવન મા આપણે કોઈ દિવસ નથી વિચારી સકતા તેવુંજ થાય છે, આપણે ક્યાં સુધી એના થી ભાગતા રેસુ એનો સામનો કરવોજ પડે છે. ©Atul vasava

 વાસ્તવિકતા એજ છે જે જીવન મા આપણે કોઈ દિવસ નથી વિચારી સકતા તેવુંજ થાય છે, આપણે ક્યાં સુધી એના થી ભાગતા રેસુ એનો સામનો કરવોજ પડે છે.

©Atul vasava

જીવન

137 Love

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