बड़ी कशमकश मे हूँ ऐ जिंदगी कहाँ हूं और कहाँ नही हूँ
अपने रब के फैसलो पर भला शक कैसे करू ... इम्तहान ले रहा है वो कुछ तो कुसूर रहा होगा...
1,652 Love
सुख दुख मन का अफसाना है. वैसे अकेले ही आये है और अकेले ही जाना है, कैसा भी हो बंधन एक दिन तो टूट जाना है, कोई कितना भी रहे पास या कितना भी रहे दूर, सुख दुख का जलवा अपने ही मन का अफसाना है.
1,381 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here