आप की यादें (कविता का शीर्षक)
चाँदनी रात है
एक प्यारी सी बात है
हाथों में चाय का प्याला है
आपके आगमन से जीवन में उजाला है
यही बैठे हुए
चाय की चुस्कियाँ लगाते हैं
जबभी आपका खयाल आता है
मन ही मन मुस्कुराते हैं ।
यूँ तारों का टिम-टिमाना
आपकी आखें याद दिलाता है
चाँद पर नज़र जाए तो
आपका चेहरा नज़र आता है
कुछ तो बात है
इस चाँद की चाँदनी में
आपकी झलक दिखाता है
मेरा दिल भी बहलाता है ।
काश ऐसा होता
ये दूरियाँ ही न होती
इस चाँदनी रात में
मेरे साथ आप होती
हाथों में आपका हाथ होता
जीवन में आपका साथ होता
एक साथ चलते इस जीवन की राह पर
जीना भी साथ होता और
मरना भी साथ होता ।
–अभिनव उपाध्याय (कवि)
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