English
/\|☪|< \|/\|]|_|\//\|\|$|-||
White हदों की सब हड्डियां निकाल रहे जिन्दा है इंसान फिर भी उसके कंकाल को खंगाल रहे। और मकान बना रहे बेबुनियाद की बुनियाद पर। फिर कहते हैं कौन है जो हमारे मकान गिरा रहे।। ©Alok krishya
Alok krishya
13 Love
White तुम्हें पता है किस तरह देखती हैं हमारी आंखें तुम्हें, जैसे एक ख्वाब जो बन जाए हक़ीक़तें। एक जहां जो तुमसे हो रोशन जो हमारी पूरी करे चाहतें। एक राह जिस पर तुम हमारे साथ चल कर पूरे करो रास्ते। हों मुक़म्मल तुम्हारे साथ हमारी मंजिलें बस यही दुवा करती जा रही हमारी हर एक ख्वाहिशें।। ©Alok krishya
12 Love
White तुम औरों के गुनाहों का सितम हम पर ढाती हो। खता हमारी हो या ना हो तुम हमें ही कसूरवार ठहराती हो।। ©Alok krishya
14 Love
White गिले शिकवे आएंगे पर हम तुम से दूर नहीं जाएंगे। गलती हुई हमारी तो तुम्हें मनाएंगे पर दूर नहीं जाएंगे। तुम रहोगी साथ तो सफ़र यूं ही बीत जाएंगे। तोड़ती हो दिल हमारा फिर खमोशियों से हम खुद को संभाललेंगे पर दूर नहीं जाएंगे ©Alok krishya
White उन्हें देखने की खातिर ही हम हर जगह जाते हैं। और वो पूछती हैं हम यहां वहां क्यूं आते हैं ©Alok krishya
18 Love
White कितनी करें शिक़ायतें तुम्हारी तुम से। कितना ही तुम सुन पाओगी हम से।। और उलझने तुममें तो होंगी कम हमारे भीतर तो हजार हैं। सब कुछ ही सुलझेगा तुम से, कुछ भी नहीं सुलझ पाएगा हमसे।। ©Alok krishya
11 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here