Waqt ko shabdo mein kaid karta hoon
हर दिन अच्छा हो जरूरी नहीं है, लेकिन हर दिन कुछ अच्छा जरूर होता है।
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मेरी आँखों में तुम अपनी परछाइयाँ देख लेना, फुरसत मिले तो दिल की वीरानियाँ देख लेना, तुम नहीं जानती गर क्या है तुम्हारी अहमियत, जरा पलटकर तुम हमारी कहानियाँ देख लेना।
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