तुम ही मोहब्ब्त हो मेरी, तुम ही प्यार हो मेरा।।
हाँ मुझे इश्क़ है तुमसे, तुम्हीं एतबार हो मेरा।।
तुमसे ही शुरुआत, मेरे हर एक दिन की होती है।
तुम ही हो दुनिया मेरी, तुम ही संसार हो मेरा।।
ढूंढता रहा मैं ज़िन्दगी भर दुकान खुशियों की।
आज पता चला तुम, ख़्वाबों का बाजार हो मेरा।
कोई ना था ज़िन्दगी में, लेकिन राह देखता रहा।
अब जाकर पता चला, तुम ही इंतज़ार हो मेरा।।
तुमको देख लेता हूँ, जब भी आँखे बन्द करता हूँ।
ये लगता है तुम ही चैन हो, तुम ही करार हो मेरा।
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर मैं नहीं जाता।
क्योंकि तुम ही ख़ुदा, तुम ही परवरदिगार हो मेरा।
wr Mansh Gurjar ❤️😊😊
©Wr Mansh Gurjar
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