जभी मिलती है inbox पे कुछ कहने से डरती है वो कब आउंगा में online इस इंतज़ार में रहती है वो बड़ी ही सरीफ है बात बात पे शर्माती है वो गुस्सा न हो जाऊं कहीं हर बात पे sorry बोलती है वो मेरे लिऐ आज भी थोड़ा सा वक्त खर्च करती है वो google पर आकर आज भी मुझे सर्च करती है वो |
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किसी को आज़माने में, कितना वक़्त लगता है उल्फ़त भरी जिन्दगी जीनी पड़ती है मौत को आने में कितना वक़्त लगता है जिसकी जिन्दगी बीत जाती है इज्ज़त कमाने में उस इज्ज़त को गवाँने में कितना वक़्त लगता है यूँ तो उम्र भर का तक़ाज़ा हो जाता है बालों का सफेद होने में मगर उसे रंगाने में कितना वक़्त लगता है किसी रंगोली को बनाने में घण्टों लग जाते है
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