तुझे मालूम नहीं ,
वो तेरे हिस्से क्या अता: करेगा !
अपने बन बैठें जब फ़रेबी ,
दिल्लगी कोई किसी से क्यों करेगा !
दो कदम चलने से पहले ही खींच ले अगर पीछे ,
संग किसी के कोई भला क्यों चलेगा !
इश्क़ और बेवफाई ही है ग़र मसला तेरा ,
अबके करके देख मुहब्बत ख़ुदसे !
अब भला तुझे तुझसे जुदा कौन करेगा !
©Anirudh
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