अब टूट गई साँसों की डोरी,
दिल को "राहत" देती थी उनकी शायरी,
कुछ ही दिन पहले की बात है,
कहते थे, "बुलाती है, मगर जाने का नहीं",
आज उसने बुलाया और आप चल दिये "इंदौरी"।
भावपूर्ण श्रध्दांजली
"राहत इंदौरी"
जो हो तुम साथ सफर में,
तो ये जिंदगी हसीन बन जाएगी।
फिर दुनिया का क्या डर है मुझे,
हमारे प्यार से ये दुनिया रौशन हो जाएगी।
जो हो शुरू हमारी दास्तान-ए-इश्क,
तो एक दूसरे पर भरोसा रखना।
जो हो भी जाए कुछ पल के लिए दूर,
फिर भी हमें दिल में बसाकर रखना।
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