रोज लड़ती है सोने नहीं देती,
हंसाती बहुत है रोने नही देती।
चलती है हाथ पकड़ कर मेरा,
डरती बहुत है खोने नहीं देती।।
करती है वो बच्चो सी परवरिश
बारिश में सर भिगोने नही देती।।
उसकी नीली आंखें एक समंदर है
माझी को कश्ती डूबोने नही देती।।
जब हंसती है तो जैसे मोती छलकते है
तस्बीह में किसी को पिरोने नही देती।।
दीपक जब वो मिलने आ जाती है
उस रात की सुबह होने नही देती।।
©Deepak_(Er. BaBa)
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