भूला नहीं मैं, याद है मुझे
तेरे खयालों की वो रातें
तेरे हर बात का प्यारा लगना
तेरे को हर वक़्त मारना ये कहकर कि मुझे खुशी मिलती है
पढ़ने के बहाने सिर्फ तेरे लिए तेरे घर पर बैठे रहना
तेरे लिए हर रोज पापा की डांट खाना
तेरे से लड़कर नाराज होना
बात ना करना पर बिन बात किए ना रह पाना
वो स्कूल की मस्ती
वो तेरे से अपना काम करवाना
वो तेरे को हर बार गुस्सा दिलाना याद है मुझे
भूला नहीं मैं,याद है मुझे
तेरे चूल्हे में कुंडली मर कर बैठे रहना
तेरी गोद में सिर रखकर सोने का नाटक करना
पूरी रात रात तेरे साथ टीवी देखना
भूला नहीं मैं, याद है मुझे
वो मैगी की पार्टी
वो फालतू की डिंगे
वो तेरे से हर बार का लड़ना
वो तेरे को खूब डराना
भूला नहीं मैं,याद है मुझे
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