White पापा थे तो शक्ति थी, संबल था,
कोई फिक्र नहीं, गमों का कोई जिकृ नहीं,
आज उन्ही से था, उन्हीं से कल था।
आज नहीं है पापा मेरे, घेर रहे हैं गम बहुतेरे,
सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं है,
क्यों कि आज नहीं हैं पापा मेरे।
उनके रहते इठलाता था,
छोटी छोटी बातों को बढ़ा चढ़ा कर बतलाता था।
अब मैं बिल्कुल सूना हूँ, बिन पानी का चूना हूँ,
ओढ़ कर, चादर रो लेता हूँ,
उनकी यादों संग सो लेता हूँ,
कभी उठे न किसी के सर से अपने पापा का साया।
पापा हैं तो सब कुछ है, बन कर रहते आपकी छाया।।
©Rajesh rajak
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