White वाणीऔर संबंध मनहरण घनाक्षरी छंद
वाणी की ही कटुता से दिलों में दरार आये,
मुख से हर एक शब्द , तौल के निकालये।
प्रेम भाव,परवाह,सहयोग से संबंध,
मधुर संवाद से निज संबंध संभालिए।।
सड़ी गली सोच मिटे,उन्नति की राह दिखे,
स्वाभिमान सभ्यता की संजीवनी पिलाइए।।
धर्म जाति से भी परे दूजे का भी सोचें हित,
दीप मानवता के कुछ दिलों में जलाइए।।
शाश्वत नहीं संपदा है,खुशियों को बांटे सदा।
आवश्यकता हो जिसको, इत्र मदद का लगाइए।।
प्रीति तिवारी"नमन"✍️🙏🏻
स्वरचित, समीक्षार्थ
©Preeti Tiwari
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