संजय जालिम

संजय जालिम " आज़मगढी"

दर्द जमाने के हज़ारों हमने भी झेले है, तभी तो" जालिम " स्वार्थी संसार में तन्हा अकेले है...

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White हाथ जोड़ कर वंदना करता हूँ ईश्वर की साधना करता हूँ अपने बड़ों की सेवा करता हूँ दुःख में भी हँस के अभिवादन करता हूँ ©संजय जालिम " आज़मगढी"

#कविता  White हाथ जोड़ कर वंदना करता हूँ
ईश्वर की साधना करता हूँ
अपने बड़ों की सेवा करता हूँ
दुःख में भी हँस के अभिवादन करता हूँ

©संजय जालिम " आज़मगढी"

# साधना#

13 Love

White मेरी नीजोतो फैमिली आने वाले एक दो दिनों में .... हमारे भाई😠 लोभी लालची स्वार्थी😠 पत्नी से प्रताड़ित ©संजय जालिम " आज़मगढी"

#विचार #Thinking  White मेरी नीजोतो फैमिली आने वाले एक दो दिनों में
.... हमारे भाई😠 लोभी लालची स्वार्थी😠 पत्नी से प्रताड़ित

©संजय जालिम " आज़मगढी"

#Thinking

12 Love

बेटी बचाओ कल कल कर बहता झरना हर दुल्हन को सोहे सोने का गहना नीले गगन मे उड़ते ढेरों परिंदे अच्छे कर्म कर धरती के बंदे धन दौलत झूठी, शान है झूठी अपने माँ, बाप,की सेवा कर है संजीवनी बूटी शिप मे मिले जैसे मोती, आधी जनता भूखे सोती हमारी हर माँ हर दिन रात बेटी चलते रोती, "जालिम " दहेज लोभी के चलते " माँ " बेटी खोती ©संजय जालिम " आज़मगढी"

 बेटी बचाओ कल कल कर बहता झरना 
हर दुल्हन को सोहे सोने का गहना
नीले गगन मे उड़ते ढेरों परिंदे
अच्छे कर्म कर धरती के बंदे
धन दौलत झूठी, शान है झूठी
अपने  माँ, बाप,की सेवा कर है संजीवनी बूटी
शिप मे मिले जैसे मोती, आधी जनता भूखे सोती
हमारी हर माँ हर दिन रात बेटी चलते रोती,
"जालिम " दहेज लोभी के चलते " माँ " बेटी खोती

©संजय जालिम " आज़मगढी"

# बेटी #

16 Love

White दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो"२" दर्द दे के हमें हमेशा तुम मुस्कुराते हो "२" ख़ता बस ये हमसे हुई की दिल लगा बैठे "२" "जालिम" तुमसे से ..उल्फ़त इतनी मिली खुद को भूला बैठे.... "२" दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो.... ©संजय जालिम " आज़मगढी"

 White दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो"२"
दर्द दे के हमें हमेशा तुम मुस्कुराते हो "२"
ख़ता बस ये हमसे हुई की दिल लगा बैठे "२"
 "जालिम" तुमसे से ..उल्फ़त इतनी मिली
 खुद को भूला बैठे.... "२" 
दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो....

©संजय जालिम " आज़मगढी"

# खुद को भुला बैठे #

17 Love

White सफ़र जिंदगी यूँ ही चलता रहे अजनबी अपने साथी बनते रहे अपने सभी सिर्फ स्वार्थ के रिश्तें हर राहों में सच्चे दोस्त मिलते रहे ©संजय जालिम " आज़मगढी"

 White सफ़र जिंदगी यूँ ही चलता रहे
अजनबी अपने साथी बनते रहे
अपने सभी सिर्फ स्वार्थ के रिश्तें  
हर राहों में सच्चे दोस्त मिलते रहे

©संजय जालिम " आज़मगढी"

# दोस्त #

16 Love

White दिल फसाना तुमसे कह रहा है तुमसे मिलने का बहाना ढुंढ रहा है हर सुं तु ही तु दिखे मेरे हमदम मुझे दिल लगाने का "जालिम" मौका ढुंढ रहा है ©संजय जालिम " आज़मगढी"

 White दिल फसाना तुमसे कह रहा है
तुमसे मिलने का बहाना ढुंढ रहा है
हर सुं तु ही तु दिखे मेरे हमदम मुझे
दिल लगाने का "जालिम" मौका ढुंढ रहा है

©संजय जालिम " आज़मगढी"

# दिल #

11 Love

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