शब्दों को संजोना,और उन्हें परोसना ही कविता है_!! रंगमंच की दुनिया में खु़द का किरदार संजोने में लगी हुई हूँ _! व्यवस्था,अनुशासन,और नियमावली से अभी कोई सरोकार नही ! #लखनवीं अन्दाज हमारा,जो भी लिखते स्वयं का ही लिखते !!
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