बाबा ब्राऊनबियर्ड

बाबा ब्राऊनबियर्ड Lives in Sikar, Rajasthan, India

Date Idea: I write you a poem and then i die in a war. पहचान फ़िलहाल इतनी सी है कि रूह को बाबा होने का ख़्वाब है और जिस्म एस.एस.सी की तैयारी करता है। My Guru, Mr. Lesbeard was killed in a poyetic battle known as The Warfare of Wisemen by Brownbeard ..✍️ दिलां का मिस्त्री ..💔 #थोड़ा साधु थोड़ा स्वादु ..😊 #कुदरती मिजाज ...🍁 #अज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता ..🏆 #अमर्यादा पुरषोत्तम बाबा ब्राऊनबियर्ड 🙂 Studied at University of Rajasthan, Jaipur JAT College, Rohtak (HR) तेरे मोह न छोड़ बावली, करूं तपस्या राम ki .. म्हारे बिना सूनी लागं गी तन्ने, गलियां थारे गांम की।

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घुटन का मतलब समझ‌ आग्या था चोरां न ... तिजोरी खोलण आए थे, खिड़की खोलकै चले गए। ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 घुटन का मतलब समझ‌ आग्या था चोरां न ...
तिजोरी खोलण आए थे, खिड़की खोलकै चले गए।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

घुटन का मतलब समझ‌ आग्या था चोरां न ... तिजोरी खोलण आए थे, खिड़की खोलकै चले गए। ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

16 Love

यूं तो सब कुछ है ... आज जीवन में ... एक ख़ला सा है ... जो ज़िन्दगी से जाता नही। इस को भर पाना गैरमुमकिन सा... है। आ गई जिंदगी की पतझड़ मगर आंख में अस्को का सावन सा है। वो जो आते थे लेकर बहारो की पुरलुत्फ शाम ... वो अब नही आते जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मकाम "बाबा" वो फिर नही आते ... ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 यूं तो सब कुछ है ...
आज जीवन में ...

एक ख़ला सा है ...
जो ज़िन्दगी से जाता नही।

इस को भर पाना गैरमुमकिन सा... है।

आ गई जिंदगी की पतझड़ मगर
आंख में अस्को का सावन सा है।

वो जो आते थे लेकर 
बहारो की पुरलुत्फ शाम ...

वो अब नही आते 

जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मकाम 
"बाबा" वो फिर नही आते ...

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

यूं तो सब कुछ है ... आज जीवन में ... एक ख़ला सा है ... जो ज़िन्दगी से जाता नही। इस को भर पाना गैरमुमकिन सा... है। आ गई जिंदगी की पतझड़ मगर आंख में अस्को का सावन सा है। वो जो आते थे लेकर बहारो की पुरलुत्फ शाम ... वो अब नही आते जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मकाम "बाबा" वो फिर नही आते ... ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

21 Love

हिम्मत वाली प्रेमिकायें, पत्नीयाँ बन जाती हैं, बाकि सब कहानियाँ बनकर रह जाती हैं। ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

#Khin_padha_tha  हिम्मत वाली प्रेमिकायें, पत्नीयाँ बन जाती हैं,
 बाकि सब कहानियाँ बनकर रह जाती हैं।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

White यूँ तो साथ देने को हजारों हाथ और है, पर तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। चंद आंसू क्या गिरे कि उम्र तक भिगो गए, दिल की धूल क्या उड़ी कि रास्ते ही खो गए, लाख जतन कर जगाया तेरे अरमां सो गए। तुम हमारे हो न सके हम तुम्हारे हो गए जैसे चाँद को सदा निहारता चकोर है, तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। दोनों को खबर न हो वो प्यार न संवर सका, दिल में न हो दर्द तो दिल में न उतर सका। प्यार गर उधार हो तो कौन पूरा कर सका, मूल की तो बात छोड़ ब्याज भी न भर सका। मेरा दिल दिवालिया-दिवालिया तेरा सूद खोर है, तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। - जगदीश सोलंकी ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 White यूँ तो साथ देने को हजारों हाथ और है,
पर तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है।
चंद आंसू क्या गिरे कि उम्र तक भिगो गए,
दिल की धूल क्या उड़ी कि रास्ते ही खो गए,
लाख जतन कर जगाया तेरे अरमां सो गए।
तुम हमारे हो न सके हम तुम्हारे हो गए
जैसे चाँद को सदा निहारता चकोर है,
तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है।
दोनों को खबर न हो वो प्यार न संवर सका,
दिल में न हो दर्द तो दिल में न उतर सका।
प्यार गर उधार हो तो कौन पूरा कर सका,
मूल की तो बात छोड़ ब्याज भी न भर सका।
मेरा दिल दिवालिया-दिवालिया तेरा सूद खोर है,
तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है।

- जगदीश सोलंकी

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

White यूँ तो साथ देने को हजारों हाथ और है, पर तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। चंद आंसू क्या गिरे कि उम्र तक भिगो गए, दिल की धूल क्या उड़ी कि रास्ते ही खो गए, लाख जतन कर जगाया तेरे अरमां सो गए। तुम हमारे हो न सके हम तुम्हारे हो गए जैसे चाँद को सदा निहारता चकोर है, तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। दोनों को खबर न हो वो प्यार न संवर सका, दिल में न हो दर्द तो दिल में न उतर सका। प्यार गर उधार हो तो कौन पूरा कर सका, मूल की तो बात छोड़ ब्याज भी न भर सका। मेरा दिल दिवालिया-दिवालिया तेरा सूद खोर है, तू जो संग में रहे तो तेरी बात और है। - जगदीश सोलंकी ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

24 Love

गोलियां सस्ती होई.. महंगे निवाले हो गए बस इसे चक्कर म सब आजकल, बंदूक आले हो गए हाम फकीरी म्ह जिये हैं, हाम गरीबी म्ह पले खींच ना ले या हवा, तेरे हवाले हो गए..!!! ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 गोलियां सस्ती होई.. महंगे निवाले हो गए 
बस इसे चक्कर म सब आजकल, 
बंदूक आले हो गए 

हाम फकीरी म्ह जिये हैं, हाम गरीबी म्ह पले 
खींच ना ले या हवा, तेरे हवाले हो गए..!!!

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

गोलियां सस्ती होई.. महंगे निवाले हो गए बस इसे चक्कर म सब आजकल, बंदूक आले हो गए हाम फकीरी म्ह जिये हैं, हाम गरीबी म्ह पले खींच ना ले या हवा, तेरे हवाले हो गए..!!! ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

22 Love

दीवारों में जब तक कान थे तब तक सब सही था । वो सुनती थी। जब से दरारे हुई है ... मसला भी तब से हुआ है। ✍️ ©बाबा ब्राऊनबियर्ड

 दीवारों में जब तक कान थे 
तब तक सब सही था ।

वो सुनती थी।

जब से दरारे हुई है ...
मसला भी तब से हुआ है।

✍️

©बाबा ब्राऊनबियर्ड

खैर एक वक्त के बाद अब दरार भी पुरलुत्फ है।

17 Love

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