***सफ़र***
ज़िंदगी का सफ़र जारी था जारी है,
कभी अपनो के लिए तो कभी अपनोसे हर बाज़ी हारी है,
अब हर मुश्किल लगती प्यारी है,
हर मुश्किल से लड़ने की तैयारी है,
बहानों की तरकीबें तो बोहोत सारी है,
मगर हार ना मानने की लगी बीमारी है,
कोई साथ नहीं खुदसे हमारी यारी हैं,
आज भी खुदसे जीतने की खुमारी है,
ज़िंदगी का सफ़र जारी था जारी है.
©Siddhant W.
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