brijesh mehta

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#मंमाधन  



Your name echoes not only in my heart and mind but also in the sound of my breath.

Your name alone makes me feel alive.

#मंमाधन 






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©brijesh mehta

Your name echoes not only in my heart and mind but also in the sound of my breath. Your name alone makes me feel alive. #मंमाधन , ©brijesh mehta

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#मंमाधन #ValentinesDay #kissday #kiss  


















the best thing you can do from your lips is the kissing
the second best is to smile, always keep on smiling.

~ बृजेश







#मंमाधन #KissDay #Kiss #ValentinesDay
...

©brijesh mehta

the best thing you can do from your lips is the kissing the second best is to smile, always keep on smiling. ~ बृजेश #मंमाधन #KissDay #Kiss #ValentinesDay ... ©brijesh mehta

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#मंमाधन  **

ना शराब-ए-तमन्ना, ना सराब-ए-जिंदगी ने 
मुझे सराब-ए-रहमत-ए-परवर-दिगार के वहम ने मारा है!

#मंमाधन













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©brijesh mehta

** ना शराब-ए-तमन्ना, ना सराब-ए-जिंदगी ने मुझे सराब-ए-रहमत-ए-परवर-दिगार के वहम ने मारा है! #मंमाधन . ©brijesh mehta

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 sunset nature 





अक्स था जिनका छलकते हुए पैमानों में
साकिया अब वो बहारें नहीं मैंखानों में

खेल था जिसके लिए कोहकनी ऐ हमदम
आज वो जोशे जुनूं ही नहीं दीवानों में

कोई भंवरा नजर आता नहीं मंडराता हुआ
उफ़! बहार आई है कैसी ये गुलिस्तानों में

आह ये वक्त की जिन पर था भरोसा मंजर
वो यगाने भी नजर आते हैं बेगानों में

बृजेश मेहता

©brijesh mehta

sunset nature अक्स था जिनका छलकते हुए पैमानों में साकिया अब वो बहारें नहीं मैंखानों में खेल था जिसके लिए कोहकनी ऐ हमदम आज वो जोशे जुनूं ही नहीं दीवानों में कोई भंवरा नजर आता नहीं मंडराता हुआ उफ़! बहार आई है कैसी ये गुलिस्तानों में आह ये वक्त की जिन पर था भरोसा मंजर वो यगाने भी नजर आते हैं बेगानों में बृजेश मेहता ©brijesh mehta

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#मंमाधन  
















If you don't cry in love you're not in love with the one 

#मंमाधन 







no gender specific

©brijesh mehta

#love

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 Nature Quotes 












मुरझाते बंधन जो कभी खिले ही नहीं, ऐसा नहीं था
बल्कि खिल-खिलाते बंधन थे जो मैंने स्वयं कुचले हैं।






मंमाधन

©brijesh mehta

Nature Quotes मुरझाते बंधन जो कभी खिले ही नहीं, ऐसा नहीं था बल्कि खिल-खिलाते बंधन थे जो मैंने स्वयं कुचले हैं। मंमाधन ©brijesh mehta

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