Lalita patni kothari

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ससुराल में ये बोलकर बहुओं को ताना मारने वाले लोग "कि हमारे घर में काम ही क्या है"वो ही लोग अगर बहू साल दो साल में कभी मायके चली गई और एक आद महीना रह गई तो बोलते है इतना रह गई अपनी मनमानी चलती है बस ©Lalita patni kothari

#शायरी #Shadow  ससुराल में ये बोलकर बहुओं को ताना मारने वाले लोग "कि हमारे घर में काम ही क्या है"वो ही लोग अगर बहू साल दो साल में कभी मायके चली गई और एक आद महीना रह गई तो बोलते है इतना रह गई अपनी मनमानी चलती है बस

©Lalita patni kothari

कड़ुआ है मगर सच है #Shadow

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ek rista esha bhi hota h jisse bahr niklne ka to bhut mn h pr kuch khun k riste bedi bnkar hame apne moh se bandh lete hai ©Lalita patni kothari

#कविता  ek rista esha bhi hota h 
jisse bahr niklne ka to bhut mn h pr
kuch khun k riste bedi bnkar hame apne  moh  se bandh lete hai

©Lalita patni kothari

akelapan

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वो कुछ कहना चाहती थी सहमी से लगती है वो सायद कुछ बताना चाहती थी वो किसी रिश्ते से उलझी सी है झुटी हंसी मुस्कुराना चाहती थी किसी की इज्जत तो किसी का भविस्य देखकर अपना दुख छिपाना चाहती थी वो कमजोर तो नहीं मगर फिर भी खामोश है वो ममता के पल्लू में दर्द दबाना चाहती थी ©Lalita patni kothari

#कविता  वो कुछ कहना चाहती थी

सहमी से लगती है वो 
सायद कुछ बताना चाहती थी

वो किसी रिश्ते से उलझी सी है
झुटी हंसी मुस्कुराना चाहती थी

किसी की इज्जत तो किसी का भविस्य
देखकर अपना दुख छिपाना चाहती थी

वो कमजोर तो नहीं मगर
 फिर भी खामोश है
वो ममता के पल्लू में दर्द दबाना चाहती थी

©Lalita patni kothari

वो कुछ कहना चाहती थी सहमी से लगती है वो सायद कुछ बताना चाहती थी वो किसी रिश्ते से उलझी सी है झुटी हंसी मुस्कुराना चाहती थी किसी की इज्जत तो किसी का भविस्य देखकर अपना दुख छिपाना चाहती थी वो कमजोर तो नहीं मगर फिर भी खामोश है वो ममता के पल्लू में दर्द दबाना चाहती थी ©Lalita patni kothari

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कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत को इज्जत देना तो नहीं जानते पर उसके बच्चो पर हक जताने पर माहिर होते है। जब उस औरत को इज्जत देने के काबिल नहीं समझा जाता तो उसके बच्चे कैसे अपने लगते हैं ? सायाद इस लिए क्योंकि वो बच्चे नौ महीने तक मां के खून के कतरे से बने है और ये लोग भी उस औरत के खून के ही प्यासे हैं। ©Lalita patni kothari

#शायरी #Sayd  कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत को इज्जत देना तो नहीं जानते पर उसके बच्चो पर हक जताने पर माहिर होते है।
जब उस औरत को इज्जत देने के काबिल नहीं समझा जाता तो उसके बच्चे कैसे अपने लगते हैं ? 
सायाद इस लिए क्योंकि वो बच्चे नौ महीने तक मां के खून के कतरे से बने है 
और ये लोग भी उस औरत के खून के ही प्यासे हैं।

©Lalita patni kothari

सायद #Sayd

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ऐसे दौर से गुजर रहे हैं हम कि जिए या मरें किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। ©Lalita patni kothari

#शायरी #shay😔d  ऐसे दौर से गुजर रहे हैं हम 
कि जिए या मरें 
किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

©Lalita patni kothari

#shay😔d

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रोना भी छोड़ दिया मैने ये शोचकर कि कहीं मेरे आशुओं की कीमत खुदा तुमसे न लेले ©Lalita patni kothari

#शायरी #scared  रोना भी छोड़ दिया मैने ये शोचकर
कि कहीं मेरे आशुओं की कीमत
खुदा तुमसे न लेले

©Lalita patni kothari

#scared

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