मेरे दिल के जज़्बात अभी जिंदा है,
तेरी यादो का अम्बार अभी जिन्दा है,
तू आज भी जिन्दा है मुझमे।।
हम्म की थी गलतिया मैंने भी
तुझसे बात ना करके ,
तुझसे ना मिल के,
मगर याद में तू जिन्दा है ।।
तूने जब वक़्त माँगा ,
मैंने दिया था तुझे अपना पूरा दिन ,
फिर भी दूसरे के सहारे जीना
कौनसी मोहाब्बत थी तेरी ,
मेरी नाराजगी में तू ज़िंदा है।।
मैं भूल गयी थी की
मैं अपने घर की इज्ज़त हूँ,
फिर भी तुझपे ही सब वार दिया था,
तू मेरी नफरत में भी ज़िंदा है।।
तू किसीके के चन्द पल को
मोहब्बत मान बैठा था ,
मेरे दिए हुए सालो का ,
हिसाब कहाँ था,
मेरी शिकायतों में तू ज़िंदा है ।।
मैंने तेरी की खुशी के लिए
तुझे छोड़ दिया था ,
जा जी ले अपनी मोहब्बत को
शायद वो ही तेरे नसीब हो ,
तू मुझमे अभी ज़िंदा है ।।
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