श्रद्धा ज्ञान देती है,
नम्रता मान देती है और
योग्यता स्थान देती हैं।
ये तीनों मिल जाएं तो व्यक्ति
को हर जगह सम्मान देती है।
अज्ञानता के कारण आत्मा
सीमित लगती है लेकिन जब
अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है।
तब आत्मा के वास्तविक
स्वरुप का ज्ञान हो जाता है,
जैसे बादलों के हट जाने पर
सूर्य दिखाई देने लगता है।
©Drx Krishna yadav
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