ए जिंदगी तुझसे उलझना ही नहीं है
बेमतलब में अब पड़ना ही नहीं है
बता के गई खुद मौत हमको ये आज
कि हमको तो अभी मरना ही नहीं है
कैद कर ले न कोई हमसे ही हमें
खुदी से बाहर निकलना ही नहीं है
चोर सिपाही दीवाने सब बन लिए
अब जीवन में कुछ बनना ही नहीं है
खड़े है जिंदगी के उस मोड़ पर हम
जहां कुछ शौके-तम्मना ही नहीं है
इश्क़ रहता है जिन बस्तियों में
उन बस्तियों से अब गुज़रना ही नहीं है
Dear Dreams dil se tera khayal hi na jaye to kya karu
tu hi bta ek tu hi yaad aye to kya karu
hasrat hai tujhe g bhar kar dekhne ki
ab khuda vo din hi na laye to bta kya karu
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