Yasmeen Ali

Yasmeen Ali

govt lecturer, writer and poetess

  • Latest
  • Popular
  • Video

बाहर की आंधियाँ तो‌ दिख‌ जाती मगर‌ अंदर‌‌ के तूफ़ानों का कोई‌ अंदाज़ा नहीं ©Yasmeen Ali

#विचार  बाहर की आंधियाँ तो‌ दिख‌ जाती मगर‌ अंदर‌‌ के तूफ़ानों का कोई‌ अंदाज़ा नहीं

©Yasmeen Ali

बाहर की आंधियाँ तो‌ दिख‌ जाती मगर‌ अंदर‌‌ के तूफ़ानों का कोई‌ अंदाज़ा नहीं ©Yasmeen Ali

11 Love

ज़िन्दगी बहुत इम्तिहान लेती है हमें कैसे इसे सम्भालना हैं ये समझ और हुनर आना‌ चाहिए। ©Yasmeen Ali

#विचार #WoNazar  ज़िन्दगी बहुत इम्तिहान लेती है हमें कैसे  इसे सम्भालना  हैं ये समझ और हुनर आना‌ चाहिए।

©Yasmeen Ali

#WoNazar

12 Love

"हिन्दी मेरा अभिमान है" कितनी मृदुल, सहज, सुकोमल यह भाषा है। स्वर-व्यंजनों में छुपा अद्भुत इसका एक संसार है।। उद्गारोंं और भावों की अभिव्यक्ति का चमत्कार है। अन्तर्मन की वाणी अपनेपन का इसमें मीठा भान है।। बोले भले कितनी बोलियाँ सब पर इसका राज है। दिशा-दिशा गूंजित इससे चहके -महके-मन को ये भावे ।। बनकर कवियों की वाणी, किया इसने अपना श्रृंगार है। यही हमारी भाषा है,अभिव्यक्ति की यही परिभाषा है ।। लय-ताल-छंद-रस-अलंकार -रीति-वक्रोक्ति हैं इसके गहने सभी भाषाओं की है ये रानी इसके माधुर्य के क्या कहने।। कर नहीं सकेगी कोई भाषा राज इसकी अपनी शान है। बनी सयानी हर भारतवासी की बसती इसमें जान है ।। मनोरथ बस आपना ये ,बनकर इस रथ के सारथी।। करें प्रचार और प्रसार ,पड़ने न देंगे धूमिल इसे हम। हो जाए हर बात सरल, पकड़ लिया जो दामन इसका।। लहरायेगा परचम,गूंजेगी ये जहाँ में इस पर हमें अभिमान है ।। डॉ यास्मीन अली। ©Yasmeen Ali

#कविता #Hindidiwas  "हिन्दी मेरा अभिमान है"
     
कितनी मृदुल, सहज, सुकोमल यह भाषा है। 
स्वर-व्यंजनों में छुपा अद्भुत इसका एक संसार है।। 

उद्गारोंं और भावों की अभिव्यक्ति का चमत्कार है। 
अन्तर्मन की वाणी अपनेपन का इसमें मीठा भान है।।

बोले भले कितनी बोलियाँ सब पर इसका राज है। 
दिशा-दिशा गूंजित इससे चहके -महके-मन को ये भावे ।। 

बनकर कवियों की वाणी, किया इसने अपना श्रृंगार है। 
यही हमारी भाषा है,अभिव्यक्ति की यही परिभाषा है ।। 

लय-ताल-छंद-रस-अलंकार -रीति-वक्रोक्ति हैं इसके गहने 
सभी भाषाओं की है ये रानी इसके माधुर्य  के क्या कहने।। 

कर नहीं सकेगी कोई भाषा राज इसकी अपनी शान है। 
बनी सयानी हर भारतवासी की बसती इसमें जान है ।। 

मनोरथ बस आपना ये ,बनकर इस रथ के सारथी।। 
करें प्रचार और प्रसार ,पड़ने न देंगे धूमिल इसे हम। 

हो जाए हर बात सरल, पकड़ लिया जो दामन इसका।। 
लहरायेगा परचम,गूंजेगी ये जहाँ में इस पर हमें अभिमान है ।। 

डॉ यास्मीन अली।

©Yasmeen Ali

#Hindidiwas

17 Love

अंतस में शोर इतना है कि बाहर का कोलाहल अब सुनाई नहीं देता ।। ©Yasmeen Ali

#विचार  अंतस में शोर इतना है कि बाहर  का कोलाहल अब सुनाई नहीं देता ।।

©Yasmeen Ali

अंतस में शोर इतना है कि बाहर का कोलाहल अब सुनाई नहीं देता ।। ©Yasmeen Ali

11 Love

नि:स्वार्थ सेवा सिखाए धरम साधु वही जो करे परहित के करम ।। ©Yasmeen Ali

#BooksBestFriends #विचार  नि:स्वार्थ सेवा सिखाए धरम
साधु वही जो करे परहित के करम ।।

©Yasmeen Ali

दुआ भी‌ और आह भी‌ बिन‌ सहारे वहीं पहुँचती हैं जिसके लिए की जाती हैं ©Yasmeen Ali

#विचार  दुआ भी‌ और आह भी‌ बिन‌ सहारे वहीं पहुँचती हैं जिसके लिए की जाती हैं

©Yasmeen Ali

दुआ भी‌ और आह भी‌ बिन‌ सहारे वहीं पहुँचती हैं जिसके लिए की जाती हैं ©Yasmeen Ali

14 Love

Trending Topic