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pankaj bhoyar

pankaj bhoyar Lives in Chhindwara, Madhya Pradesh, India

shayar hoon

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#कविता #Shayar♡Dil☆ #shayar_ka_dill #shayar_benam #love❤️ #Geetkaar  आबले भरे ज़ुबान मे, मै खुदसे पूछता हूँ 
अक्सर आईने के सामने, चहेरे से जूझता हूँ 

यही सवाल मै तुझसे किया तो तू हस पड़ा 
तेरी हसी के नकाब मे, चेहरे को खोजता हूँ 

देखो वहाँ किसी के नाम की आग जल रही 
इसी आग की ताप मे, बदन को सोज़ता हूँ 

जो कुछ भी लिखा वो सच रहा मेरी जिंदगी मे 
औरों की बातों मे, बावर-ए-वज़न तौलता हूँ

शब-ए-तन्हाई मे अंधेरे का साथ मिला मुझको
मै किसी और के आंगन मे, ये दिया छोड़ता हूँ 

सारे शज़र काटकर खुद बसर कर रहा आदम
पररिंदों के लौट जाने की सज़ा पुछता हूँ

कामियाब होकर भी एक आस जो पूरी न हुई 
मै तेरी बाहों मे मरने की रकम पुछता हूँ
#शायरी

ig - @punkcage like share follow for more 😊👍 @Mohammed Shikh @Priyanka Yadav @Sneha Kesharwani @Khwahish dil ki @Ambika Jha शुक्रिया तेरा❤❤

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#LockdownWaliDiwali #shayari143 #waiting #myvoice #Diwali  first try 😐

हवस की आग के लिए इश्क़ को बुझा रहे हैं दिमाग पर ज़ंग है, हाथों से जता रहे हैं बेगुनाहों की चीख से, अब तो खुदा भी डर गया है खुदगर्ज़ ज़मीं पर रौंध कर, जिस्मों को सता रहे हैं ज़माने से ज़लील होकर, नाचीज़ करार हो गए ज़बरन हदों को झेलकर, जिंदा गवार हो गए बिस्तरों से लेकर हर गलियों तक उन्हे कोई शर्म नहीं बावजूद जिसके कुछ लोग कपड़ों के सवाल पर सवार हो गए हर कोई इसे देख कर शर्मसार हो रहा है बर-अक्स इस गुनाह से भी बेकार हो रहा है हकीकत यही है कि कोई लड़ा ही नही दो लफ्ज़ खिलाफ मे बोलना ही यलगार हो रहा है एक शक़्स ही ज़िम्मेदार है ये सही नही ये ज़माना ही गुनहगार है सही यही बुज़ुर्ग इस पुष्त पर सवाल करते हैं फ़कत इस नस्ल का ही भार है कभी नही

#stopacidattacks #stopacidattack #stop_rape #Stoprape  हवस की आग के लिए इश्क़ को बुझा रहे हैं 
दिमाग पर ज़ंग है, हाथों से जता रहे हैं
बेगुनाहों की चीख से, अब तो खुदा भी डर गया है 
खुदगर्ज़ ज़मीं पर रौंध कर, जिस्मों को सता रहे हैं 

ज़माने से ज़लील होकर, नाचीज़ करार हो गए 
ज़बरन हदों को झेलकर, जिंदा गवार हो गए 
बिस्तरों से लेकर हर गलियों तक उन्हे कोई शर्म नहीं
बावजूद जिसके कुछ लोग कपड़ों के सवाल पर सवार हो गए 

हर कोई इसे देख कर शर्मसार हो रहा है
बर-अक्स इस गुनाह से भी बेकार हो रहा है
हकीकत यही है कि कोई लड़ा ही नही 
दो लफ्ज़ खिलाफ मे बोलना ही यलगार हो रहा है

एक शक़्स ही ज़िम्मेदार है ये सही नही 
ये ज़माना ही गुनहगार है सही यही 
बुज़ुर्ग इस पुष्त पर सवाल करते हैं 
फ़कत इस नस्ल का ही भार है कभी नही

बर-अक्स - against गवार - लाश #Stoprape #Shayar #Rape #stopacidattacks #stopacidattack #stop_rape

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एक वस्ल की, मैं याद हूँ तेरी ज़िंदगी के साथ हूँ उसे छोडने का जो मर्ज़ है उस हिज्र की, मैं याद हूँ इस दर्द का, वो राज है वो दर्द से भी, बाज़ है अब दर्द बनकर याद हूँ जो रंजिशें थी, अब याद हूँ कुछ काफ़िरों की राह है सब फूल कांटे काह हैं हर रासते का साथ हूँ जो वासते थे, अब याद हूँ तेरे मर्म मे वो निशान है उस अक्स मे जो रेहान है वो इत्र उसकी याद हूँ हर अक्स उसकी याद हूँ उसे निहारना अबसार कर पलों को रोकना ऐतबार पर वो वक़्त अब मैं याद हूँ तस्वीर बनकर याद हूँ नादान बनकर रूठना झुकी निगाह कर देखना हर अश्क़ तेरे, याद हूँ हर लब्ज़ तेरे, याद हूँ एक वस्ल की, मैं याद हूँ उस हिज्र की, मैं याद हूँ

#loveshayari #love❤ #shaayri #Shayar  एक वस्ल की, मैं याद हूँ 
तेरी ज़िंदगी के साथ हूँ
उसे छोडने का जो मर्ज़ है
उस हिज्र की, मैं याद हूँ

इस दर्द का, वो राज है
वो दर्द से भी, बाज़ है 
अब दर्द बनकर याद हूँ
जो रंजिशें थी, अब याद हूँ 

कुछ काफ़िरों की राह है
सब फूल कांटे काह हैं
हर रासते का साथ हूँ
जो वासते थे, अब याद हूँ 

तेरे मर्म मे वो निशान है
उस अक्स मे जो रेहान है
वो इत्र उसकी याद हूँ 
हर अक्स उसकी याद हूँ 

उसे निहारना अबसार कर
पलों को रोकना ऐतबार पर
वो वक़्त अब मैं याद हूँ
तस्वीर बनकर याद हूँ

नादान बनकर रूठना 
झुकी निगाह कर देखना
हर अश्क़ तेरे, याद हूँ 
हर लब्ज़ तेरे, याद हूँ

एक वस्ल की, मैं याद हूँ 
उस हिज्र की, मैं याद हूँ

वो हमारे ख़यालों से मदूम हो रहे हैं बरसात मे बादल मरहूम हो रहे हैं आब-ए-बरसात मे वो आंसू कहीं छिप से जाते थे नज़र आने पर अब अश्कें मोज़ूम हो रहे हैं उनकी सोहबत मे सुर्ख-ए-इश्क़ हमारे सिर पर सवार था बिआज़-ए-ज़िंदगी के हर सफ़हा, हम बेमरून हो रहे हैं उनके जिस्म का लिबास बनने की गरज़ नही थी हमसे तर्ज़-ए-अदब को ओढकर मरहूम हो रहे हैं वो हमारे ख़यालों से मदूम हो रहे हैं.....

#शायरी #meltingdown #shayarana #Shayar  वो हमारे ख़यालों से मदूम हो रहे हैं
बरसात मे बादल मरहूम हो रहे हैं 
आब-ए-बरसात मे वो आंसू कहीं छिप से जाते थे 
नज़र आने पर अब अश्कें मोज़ूम हो रहे हैं

उनकी सोहबत मे सुर्ख-ए-इश्क़ हमारे सिर पर सवार था 
बिआज़-ए-ज़िंदगी के हर सफ़हा, हम बेमरून हो रहे हैं 

उनके जिस्म का लिबास बनने की गरज़ नही थी 
हमसे तर्ज़-ए-अदब को ओढकर मरहूम हो रहे हैं
वो हमारे ख़यालों से मदूम हो रहे हैं.....

"vo hamare khayalon se madoom ho rahe hain" hello doston agar meri shayari pasand ati hain to pls muje instagram me follow kren,wahan bhi mai apni rachnayen post krta hoon {ig- @punkcage} #meltingdown #Shayar #shayarana

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