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poetry
Ramesh Navankur
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दीप जलाकर दीवाली अंधियारा को मिटाता है। सत्य विजय की गाथा को सबको याद दिलाता है। इस दिन सीता मैय्या को लेकरके राम जी लौटे थे। सियाराम का वापस आना दीवाली याद दिलाता है। ©Ramesh Navankur
12 Love
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दिल में मेरे रहती बसी सूरत है आपकी पलकों पे रखूँगा मै हुजूरत है आपकी जैसे होती मीन को जल की है जरूरत वैसे ही मेरे दिल को जरूरत है आपकी ©Ramesh Navankur
11 Love
गर हो लाल की जरूरत खुद की रोक देते है गलतियां जब भी होती हमे ओ टोक देते है बड़ा मुश्किल होता है पिता बनकरके रह पाना कमाई लाखों की दौलत हम पर झोंक देते हैँ ©Ramesh Navankur
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