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Poet of spiritualism
Unsplash ज़ख्म में तासीर तो दर्द को बढ़ा देती है। ये तो बेवफ़ा दिसंबर है जो सजा देती है।। ©Saani
Saani
11 Love
Unsplash वो बेवफा निकली दिसंबर की तरह। हम उसके रहे है सितंबर की तरह।। ©Saani
18 Love
White रंजिशे दिल की मिटा देनी चाहिए। ख्वाबों की तरह भुला देनी चाहिए। ©Saani
14 Love
White खो रहा सुकून दिल का, धड़कनों में घुटन सी है। ज़ुल्म अब दिसंबर का फिर से शोर करने लगा।। ©Saani
16 Love
White उर्दू है दिल व जान अब हर जुबान की। ये भासा है मोहब्बत की पहचान की।। ©Saani
White तन्हाइयों का ये सफ़र हो गया। जमाने से मैं बेखबर हो गया।। ©Saani
15 Love
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