यू तो चेहरा कुछ खास नहीं हमारा ,
मगर फिर भी वो हमपे मरती थी।
हम जब भी पूछते क्या पसंद है मुझमें,
वो मुस्कुराकर " गुस्सा " बताया करती थी।
- संदिप मोवडिया ( कवि )
यू तो चेहरा कुछ खास नहीं हमारा ,
मगर फिर भी वो हमपे मरती थी।
हम जब भी पूछते क्या पसंद है मुझमें,
वो मुस्कुराकर " गुस्सा " बताया करती थी।
- संदिप मोवडिया ( कवि )
यू तो चेहरा कुछ खास नहीं हमारा ,
मगर फिर भी वो हमपे मरती थी।
हम जब भी पूछते क्या पसंद है मुझमें,
वो मुस्कुराकर " गुस्सा " बताया करती थी।
- संदिप मोवडिया ( कवि )
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