Pnkj Dixit

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पवित्र साधना है उसकी जो मुझको मौन कराती है। उसको दोष ना देना जग वालों अगर मैं बैरागी हो जाऊँ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क'

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💞🌳💞 ए दिल!तू सब्र रख... अफ़सोस मत कर पलकों पर... अश्कों का बोझ मत रख ख़ुशी ओ ग़म की दौलत अपने ही देते हैं बेधड़क ज़िन्दगी जी...तू शोक मत कर २०/०८/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

#ज़िन्दगी #शायरी #nojotoshayari #दिल #nojotoapp  💞🌳💞
ए दिल!तू सब्र रख... अफ़सोस मत कर
पलकों पर... अश्कों का बोझ मत रख
ख़ुशी ओ ग़म की दौलत अपने ही देते हैं
बेधड़क ज़िन्दगी जी...तू शोक मत कर 
२०/०८/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

©Pnkj Dixit

💞🌳💞 ए दिल!तू सब्र रख... अफ़सोस मत कर पलकों पर... अश्कों का बोझ मत रख ख़ुशी ओ ग़म की दौलत अपने ही देते हैं बेधड़क ज़िन्दगी जी...तू शोक मत कर २०/०८/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

16 Love

💞🌳💞 लोग तो झूठ ही गालियों को बदनाम करते हैं हमें तो तुम्हारी गालियों से मोहब्बत हो गई है १०/०८/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

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लोग तो झूठ ही गालियों को बदनाम करते हैं
हमें तो तुम्हारी गालियों से मोहब्बत हो गई है
१०/०८/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

©Pnkj Dixit

💞🌳💞 लोग तो झूठ ही गालियों को बदनाम करते हैं हमें तो तुम्हारी गालियों से मोहब्बत हो गई है १०/०८/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' #शायरी #दिल #Shayari #Love #nojohindi #nojotoapp #Nojoto

13 Love

🌷💝👰 दिल का ख़त वो रातभर जगाकर बीज मोहब्बत के बो रहे थे। शब ओ सहर में हम उसकी सोहबत के हो रहे थे। जो दिल का ख़त खोला खुद-ब-खुद हक के हो रहे थे। हकीकत रू-ब-रू, मगर ख्वाब सा बेधड़क जाग कर भी सो रहे थे। ज़माने की बात,वालिद ज़ुबां दिल यहाँ घुट घुट के रो रहे थे। मिरे महबूब! तुम को कसम,रोना नहीं बेगम-ओ-गैर हो सोहबत में रो रहे थे। मिरे फरिश्तों को न थी कोई ख़बर बेधड़क रुह तिरी, दाग़ ए दिल धो रहे थे। (“इश्क़: एक ज़हर” से) ०२/०८/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

 🌷💝👰 दिल का ख़त 
वो रातभर जगाकर 
बीज मोहब्बत के बो रहे थे।

शब ओ सहर में हम 
उसकी सोहबत के हो रहे थे।

जो दिल का ख़त खोला
खुद-ब-खुद हक के हो रहे थे।

हकीकत रू-ब-रू, मगर ख्वाब सा
बेधड़क जाग कर भी सो रहे थे।

ज़माने की बात,वालिद ज़ुबां
दिल यहाँ घुट घुट के रो रहे थे।

मिरे महबूब! तुम को कसम,रोना नहीं
बेगम-ओ-गैर हो सोहबत में रो रहे थे।

मिरे फरिश्तों को न थी कोई ख़बर
बेधड़क रुह तिरी, दाग़ ए दिल धो रहे थे।
(“इश्क़: एक ज़हर” से) ०२/०८/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️कमल शर्मा'बेधड़क'

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🌷💝👰 दिल का ख़त वो रातभर जगाकर बीज मोहब्बत के बो रहे थे। शब ओ सहर में हम उसकी सोहबत के हो रहे थे।

11 Love

💞🌷💞 सदाचार से लोगों का मन जीतने वाले युगों-युगों तक जीवित रहते हैं। २९/०७/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

#आज_का_विचार #शुभप्रभात #सुप्रभात #विचार #hanumanjayanti #GoodMorning  💞🌷💞
सदाचार से लोगों का मन जीतने वाले 
युगों-युगों तक जीवित रहते हैं।
२९/०७/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

©Pnkj Dixit

💞🌷💞 सदाचार से लोगों का मन जीतने वाले युगों-युगों तक जीवित रहते हैं। २९/०७/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' #शुभप्रभात #सुप्रभात #आज_का_विचार #आज #nojotoapp #Nojoto #thought #GoodMorning

13 Love

🚩🌷🚩 कार्य का हुनर आने पर अक्ल पर पत्थर और जिह्वा पर कटुता आ जाती है। 🚩🌷🚩 २५/०७/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

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कार्य का हुनर आने पर 
अक्ल पर पत्थर और
जिह्वा पर कटुता आ जाती है।
🚩🌷🚩
२५/०७/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

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🚩🌷🚩 कार्य का हुनर आने पर अक्ल पर पत्थर और जिह्वा पर कटुता आ जाती है। 🚩🌷🚩 २५/०७/२०२३ 🌷👰💓💝

16 Love

🌷चाहत वाली बारिश में 💓 जनमों - जनम से हम तुम भीग रहे हैं चाहत वाली बारिश में.... कुछ तुम सिमटी शरमाई - सी कुछ मैं भीगा ललचाया - सा चाहत वाली बारिश में.... तुमको प्रेम - पाश में रखकर कुछ क्षण सुखद बिताया था प्रेम -आलिंगन में क्या क्या होता सरल सहज अहसास कराया था चाहत वाली बारिश में.... आओ चलो हम फिर से भीगें चाहत के पल की बारिश में तुम मुझ में मिल जाना साथी मैं तुम में मिल जाऊँ साथी चाहत वाली बारिश में.... ( काव्य संग्रह:- “प्रेम अमर है” से) १०/०७/२०१८🌷👰💓💝 ... ✍ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit

 🌷चाहत वाली बारिश में 💓
जनमों  - जनम   से 
हम तुम भीग रहे हैं 
               चाहत वाली बारिश में....
कुछ तुम सिमटी शरमाई - सी
कुछ  मैं भीगा ललचाया - सा
               चाहत वाली बारिश में....
तुमको  प्रेम - पाश में रखकर
कुछ क्षण  सुखद बिताया था
प्रेम -आलिंगन में क्या क्या होता
सरल सहज अहसास कराया था
                चाहत वाली बारिश में....
आओ चलो हम फिर से भीगें 
चाहत के  पल की  बारिश में 
तुम मुझ में मिल जाना साथी 
मैं तुम  में  मिल जाऊँ  साथी 
                चाहत वाली बारिश में....
( काव्य संग्रह:- “प्रेम अमर है” से)
१०/०७/२०१८🌷👰💓💝
... ✍ कमल शर्मा'बेधड़क'

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🌷चाहत वाली बारिश में 💓 जनमों - जनम से हम तुम भीग रहे हैं चाहत वाली बारिश में.... कुछ तुम सिमटी शरमाई - सी कुछ मैं भीगा ललचाया - सा चाहत वाली बारिश में....

12 Love

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