"रुख़ हवा का मोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
पत्थर से आसमाँ तोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
क्यूँ हो गए ख़फ़ा
एहसास से मेरे,
सांस लेना छोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
-Suniel Chouhan 💜 #NojotoQuote"
रुख़ हवा का मोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
पत्थर से आसमाँ तोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
क्यूँ हो गए ख़फ़ा
एहसास से मेरे,
सांस लेना छोड़ देते,
एक दफ़ा कहा होता।
-Suniel Chouhan 💜