मैं तलाशता रहा सुकून बाहर..
भीतर मेरे शोर था !
सूखी पड़ी थी जमीन ..
देखा ऊपर तो आसमान घनघोर था !
सशक्त था मनोबल..
पर आंखों में..
आंसुओं का जोर था !
टूटा नहीं मैं पर तोड़ा जाऊ...
बईमान ताकतों का जोर था !
सबल हूं....अटल हूं..
अपनी राहों में चलता रहूंगा !
जमाना चाहे दे कितनी भी ठोकरे..
मैं आगे बढ़ता रहूंगा !
©deepti
#Be positive #Be_fearless #Be_confident