वीर सावरकर जी को 7 X 11 साईज़ की कोठरी में रखा था, जिसमे सीमेंट की पक्की जमीन थी । ठण्ड हो या गर्मी उसी पर सोना है । इसी कोठरी के एक कोने में खुले में शौच और पेशाब करना है । गले-हाथ और पैरों में बेड़ियाँ लगी रहेंगी उसी स्थिति में, जो भी और जैसा भी मिले, वैसा भोजन करना है ।
फिर इसी स्थिति में बैल की तरह कोल्हू में लगकर तेल निकालना पड़ता था ।
पूरी जेल में बेहद दुबले-पतले सावरकर एकमात्र ऐसे कैदी थे, जिनके गले में अंग्रेजों ने तांबे की पट्टी लटका रखी थी, जिस पर "D" लिखा हुआ था ।
D यानी Dangerous... वही एकमात्र कैदी थे, जिसे अंग्रेज "डेंजरस" मानते थे और यह चक्र चला पूरे 11 साल तक,
जी हाँ पूरे ग्यारह वर्ष तक.. चला ।।
प्रतिलिपि.
राहुल गांधी तुम 10 जन्म ले लो कभी वीर सावरकर नही बन सकते और हां, रही सही कांग्रेस को जब तक पूरी खत्म नही कर देगा तब तक चैन से नहीं बैठेगा ।
©Naresh Chandra