होटों पर रुके हैं जो अल्फाज वो कहे तो किससे,लाखों की हैं भीड़ साथ में पर दिल की बात सुनने वाला कोई नहीं,ना जानें कितने जज़्बात दिल में दबाएं रखें हैं,कहने को हैं कितनी बातें और एहसास पर,बतला सकें वो दिल का हर एहसास ऐसा कोई मेरे पास नही,किससे कहें दिल की बात जब सुने वाला ऐसा कोई खास मेरे पास नहीं।।
©Shurbhi Sahu
दिल के एहसास