White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सां | हिंदी Poetry

"White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सांझ उसे मैंने मुरझा कर धरती पर बिखरते देखा. और ये भी सच है उसी फूल को मैंने सुबह हँसते और महकरे हुए देखा था लेकिन उसी साँझ उसे मैने धरती पर उसे दहाड़े मार कर रोते हुए भी देखा था ©Parasram Arora"

 White जिस फुल को सुबह
 मैंने उगते देखा था 
उसी सांझ उसे मैंने 
मुरझा कर धरती पर 
बिखरते देखा.

और ये भी सच है 
उसी फूल को मैंने सुबह 
हँसते और महकरे हुए 
देखा था  लेकिन 
उसी साँझ उसे मैने 
धरती पर उसे 
दहाड़े मार कर  
रोते हुए भी देखा था

©Parasram Arora

White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सांझ उसे मैंने मुरझा कर धरती पर बिखरते देखा. और ये भी सच है उसी फूल को मैंने सुबह हँसते और महकरे हुए देखा था लेकिन उसी साँझ उसे मैने धरती पर उसे दहाड़े मार कर रोते हुए भी देखा था ©Parasram Arora

फुल का उदय और अंत

People who shared love close

More like this

Trending Topic