White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसा | हिंदी शायरी

"White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray"

 White  दो मुसाफ़िर "

घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, 
राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए,

खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी 
भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए।

©Anuj Ray

White दो मुसाफ़िर " घर से चले थे साथ साथ दो मुसाफ़िर, राहों में मगर रास्ते दोनों के अलग हो गए, खाई थी साथ निभाने की कसम ज़िन्दगी भर के लिए, राहों में अचानक से जुदा हो गए। ©Anuj Ray

# दो मुसाफ़िर

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