मैं बन जाऊं उमा तुम्हारी तुम मेरे शंकर बन जाना। जन | हिंदी कविता

"मैं बन जाऊं उमा तुम्हारी तुम मेरे शंकर बन जाना। जन्मों जन्म बिताऊं तुम संग ले बारात मेरे घर आना। साझा रस्में साझा जीवन साझा हो संसार हमारा। इक दूजे पर ख़ुद से ज्यादा हो प्रियतम अधिकार हमारा। मैं पोंछू सब अश्रू तुम्हारे तुम मेरा संबल बन जाना। मैं बन जाऊं छांव पिता की तुम मां का आंचल बन जाना। दान-धर्म पितरों की सेवा में तुम मेरा साथ निभाना। सब त्योहार महोत्सव सारे संग-संग हर उल्लास मनाना। संग तेरे जीवनसाथी! हर दुःख का बोझ उठा लेंगे। जीवन नैया यूं हीं मिलकर हम तुम पार लगा लेंगे। ©Jupiter and its moon"

 मैं बन जाऊं उमा तुम्हारी तुम मेरे शंकर बन जाना।
जन्मों जन्म बिताऊं तुम संग ले बारात मेरे घर आना।

साझा रस्में साझा जीवन साझा हो संसार हमारा।
इक दूजे पर ख़ुद से ज्यादा हो प्रियतम अधिकार हमारा।

मैं पोंछू सब अश्रू तुम्हारे तुम मेरा संबल बन जाना।
मैं बन जाऊं छांव पिता की तुम मां का आंचल बन जाना।

दान-धर्म पितरों की सेवा में तुम मेरा साथ निभाना।
सब त्योहार महोत्सव सारे संग-संग हर उल्लास मनाना।

संग तेरे जीवनसाथी! हर दुःख का बोझ उठा लेंगे।
जीवन नैया यूं हीं मिलकर हम तुम पार लगा लेंगे।

©Jupiter and its moon

मैं बन जाऊं उमा तुम्हारी तुम मेरे शंकर बन जाना। जन्मों जन्म बिताऊं तुम संग ले बारात मेरे घर आना। साझा रस्में साझा जीवन साझा हो संसार हमारा। इक दूजे पर ख़ुद से ज्यादा हो प्रियतम अधिकार हमारा। मैं पोंछू सब अश्रू तुम्हारे तुम मेरा संबल बन जाना। मैं बन जाऊं छांव पिता की तुम मां का आंचल बन जाना। दान-धर्म पितरों की सेवा में तुम मेरा साथ निभाना। सब त्योहार महोत्सव सारे संग-संग हर उल्लास मनाना। संग तेरे जीवनसाथी! हर दुःख का बोझ उठा लेंगे। जीवन नैया यूं हीं मिलकर हम तुम पार लगा लेंगे। ©Jupiter and its moon

Shiv Parvati!

People who shared love close

More like this

Trending Topic