सुख और दुख मिलकर
सुख और दुख मिलकर दोनों
इस जीवन को साकार करे
चल दोनों को स्वीकार करें।
हमको किसी से बैर नहीं
सुख साथी है दुख गैर नहीं
दोनों को एक-सा प्यार करें
चल दोनों को स्वीकार करें।
एक धूप है तो एक छाया है
दोनों का अपना माया है
हो फर्क न माया माया में
चल दोनों का सत्कार करें।
©Kavi Hari Shanker
#सुख और दुख