#PulwamaAttack कैसे भूलें हम आज का दिन, उस दिन भी | हिंदी Shayari

"#PulwamaAttack कैसे भूलें हम आज का दिन, उस दिन भी आज सी सर्दी थी l गुजरा था जत्था वीरों का, जिनके संग हुई बेदर्दी थी l परखच्चे उड़े थे जिस्मों के, चिथड़ों में बिखरी बर्दी थी l वो खून के प्यासे जालिम थे, जिसने की ये नामर्दी थी l थीं देश की हर एक आँखे नम, सबके दिल में हमदर्दी थी l है फिर से नमन उन वीरों को, जिनके संग हुई बेदर्दी थी ll #SelfWriiten....✍️ ©The creativity of Anil Rathore"

 #PulwamaAttack कैसे भूलें हम आज का दिन, 
उस दिन भी आज सी सर्दी थी l 

गुजरा था जत्था वीरों का, 
जिनके संग हुई बेदर्दी थी l 

परखच्चे उड़े थे जिस्मों के, 
चिथड़ों में बिखरी बर्दी थी l 

वो खून के प्यासे जालिम थे, 
जिसने की ये नामर्दी थी l 

थीं देश की हर एक आँखे नम, 
सबके दिल में हमदर्दी थी l 

है फिर से नमन उन वीरों को, 
जिनके संग हुई  बेदर्दी थी ll 

#SelfWriiten....✍️

©The creativity of Anil Rathore

#PulwamaAttack कैसे भूलें हम आज का दिन, उस दिन भी आज सी सर्दी थी l गुजरा था जत्था वीरों का, जिनके संग हुई बेदर्दी थी l परखच्चे उड़े थे जिस्मों के, चिथड़ों में बिखरी बर्दी थी l वो खून के प्यासे जालिम थे, जिसने की ये नामर्दी थी l थीं देश की हर एक आँखे नम, सबके दिल में हमदर्दी थी l है फिर से नमन उन वीरों को, जिनके संग हुई बेदर्दी थी ll #SelfWriiten....✍️ ©The creativity of Anil Rathore

कैसे भूलें हम आज का दिन,
उस दिन भी आज सी सर्दी थी l

गुजरा था जत्था वीरों का,
जिनके संग हुई बेदर्दी थी l

परखच्चे उड़े थे जिस्मों के,
चिथड़ों में बिखरी बर्दी थी l

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