कैसी हैं जिंदगी क्यों इसे में समझ ना पाती
हर पल हर राह उलझती ये जिंदगी क्यों सही राह नही दिखाती
उगते सूरज के साथ एक नयी किरन तो लाती
पर क्यों शाम होते ही वह उमंग ढल जाती
कहते है कि हर दुख के बाद एक सुख की घडी आती हैं
क्या यही उतार चढा़व जिंदगी कहलाती है
ए जिंदगी तू भी कितने रंग दिखाती हैं
कभी हंसाती हैं तोकभी रुलाती है......
©Nishi Agarwal
#Sunrise